राजकुमारी शिवन्या - भाग 1 Mansi द्वारा पौराणिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 1

भाग १

दोस्तो यह कहानी का स्थल , नाम पूरी तरह से काल्पनिक है इसका हमारे पुराने इतिहास से कोई लेनादेना नहीं है , आप सिर्फ इस कहानी के पढ़ने का आनंद लीजिए , तो चलिए कहानी शुरू करते है।

कई सदियों पहले विलम नगर नाम का एक बड़ा सा राज्य हुआ करता था । वहा के राजा का नाम विलम था उसी के नाम पर राज्य का नाम विलम नगर रखा गया था , ओर उनकी पत्नी का नाम रानी नीलंबा था। उन दोनों के शादी के १० साल पूरे हो चुके थे , लेकिन अभी तक उनकी कोई संतान नहीं हुई थी । दोनों इस विषय को लेकर कभी कभी काफी चिंतीत हो जाते थे।

उस राज्य की प्रजा भी इस विषय पर कई बार चर्चा करती रहती थी लेकिन वह अपने राजा रानी का काफी आदर करती थी ओर विलम ओर नीलंबा भी अपनी प्रजा का काफी सम्मान करते थे , कभी कभी संतान कि चिंता में राजा विलम बोलते थे......."है रानी निलंबे अगर हमारी कोई संतान नहीं होगी तो आगे राज्य का राजपाठ कोन संभालेगा हमारी प्रजा को कोन संभालेगा" ।

तब निलंबा बोलती थी "है स्वामी आप इतनी चिंता मत कीजिए भगवान हमारी झोली में जरूर एक संतान डालेंगे" ओर वह वक्त जल्द ही आयेगा । ऐसा करके दिन बीतते गए फिर एक दिन रानी अपने महल के पास के एक बागीचे मे टहलने चली गई , वह संतान के विषय में ही चिंतीत थी तभी वहा से एक वृद्ध अम्मा गुजरी उन्होंने देखा यह तो रानी निलंबा है ओर वह चिंता मे बैठी है।

तब उस अम्मा ने रानी के पास गई ओर रानी को पूछा है पुत्री आप यहां वह भी अकेले ओर आप इतनी चिंता मे क्यों लग रही है , तब रानी ने कहा "है माता मेरे शादी को १० साल से उपर हो गया अभी भी हमे संतान की प्राप्ति नहीं हुई है" , यह सुन उस अम्मा ने कहा पुत्री चिंता मत करो भगवान शिव की मन्नत रखो वह जरूर तुम्हारे आंगन मे संतान की किलकारी गुंजवाएंगे। अच्छा चलो मे चलती हूं ।

यह बोलकर अम्मा रानी के सिर पर हाथ रख के चली जाती है , पर अम्मा की बात सुन कर रानी के चहरे पर एक अलग चमक आ जाती है ओर वह खुद को चिंतामुक्त पाती है । वह यह बात सीधा महल जा कर राजा से करती है ओर राजा कहते है तो फिर देर किस बात कि हम शिव की मन्नत रखते है । अगले दिन रानी अपने सैनिकों को साथ ले कर पास ही के शिव मंदिर जाती है , ओर शिव की मूर्ति के सामने अपनी झोली फैलाती है ओर बोलती है " है शिव मे आपके सामने मेरी झोली फैलाती हु , मुझे भी बाकी ओरतो की तरह संतान का सुख भोगना है ।

मुझे भी संतान का सुख प्राप्त करवाए
अगर अपने मेरी झोली में संतान डाला तो मे ओर मेरे स्वामी १००० गरीबो को खाना दान करेंगे ओर यह कह कर रानी अपने महल वापस चली गई का अगला भाग जल्द ही आयेगा।

अभी के लिए कहानी यह तक रखते है , कहानी
का अगला भाग जल्द ही आयेगा😊